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Showing posts from August, 2018

Accounting, लेखाशास्त्र क्यों और कैसे.

Accounting, लेखाशास्त्र क्यों और कैसे.  जब लेखापालों  को कोई समस्या अनुभव हुई उन्होंने समस्याओं का हल ढूंढ निकाला उस हल को अन्य लेखपालों की स्वीकृति मिल गई तो यह नियम या सिद्धांत बन गया और जब इन्हें  मान्यता प्राप्त हो गई तो यह नियम की अवधारणा के नाम से विख्यात हुए । लेखाशास्त्र मानव द्वारा निर्मित विज्ञान होने के कारण इसके सिद्धांत भी मानव निर्मित ही हैं इस विज्ञान में कुछ सिद्धांतों निश्चित है अब कुछ अनिश्चित हैं जिनके बारे में लेखपालों में मतैक्य  नहीं है यह निश्चित सिद्धांत परिस्थितियों एवं आवश्यकतानुसार अपनाया छोड़े जा सकते हैं अथवा समय और परिस्थिति अनुसार परिवर्तित भी किए जा सकते हैं। Accounting  लेखाशास्त्र के सिद्धांत अन्य प्राकृतिक विज्ञानों के सिद्धांतों के सम्मान पूर्णतया सही निश्चित समय सिद्धासन मान्य नहीं है और ना ही इनकी प्रमाणिकता की जांच प्रयोगशाला में प्रयोगों के द्वारा की जा सकती है लेखा विधि के सिद्धांत व व्यापक स्वीकृति के आधार पर ही अपये जाते हैं ना कि सर्व मान्यता के आधार पर व्यापक स्वीकृति का आधार निम्न  कसौटियों पर सही उ...

Agricultural inputs

भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है भूमि निश्चित ही कृषि उत्पादन का एक साधन है भूमि पर कृषि कार्य करने के लिए किसान को अनेक प्रकार की वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती है जिन्हें कृषि Inputs  कहते है। Main Agriculture inputs 1. तकनीकी जानकारी - तकनीकी जानकारी कृषि क्षेत्र की प्रथम निविषिृ है। दूसरे शब्दों में कृषि कार्य करने के लिए कृषि के ढंग एवं विधियों का ज्ञान आवश्यक है कृषि चाहे परंपरागत ढंग से की जाए अथवा आधुनिक ढंग से कृषि कार्य करने की उचित जानकारी होना आवश्यक है उदाहरण के लिए खेती की आधुनिक विधियों का प्रयोग करने के लिए किसान को बीज के प्रकारों उर्वरकों फसल प्रबंधन जल प्रबंध भंडारण फसल बीमा विपणन आदि के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है। 2. स्वयं  का श्रम - इसका अर्थ है कृषक का स्वयं  का एवं उसके परिवार के सदस्यों का श्रम दूसरे शब्दों में कृषक कृषि कार्य में अपना व अपने परिवार के अन्य सदस्यों के श्रम का उपयोग करता है यहां तक कि इनकी संख्या कार्य की आवश्यकता से भी अधिक हो जाती है यह श्रम की कृषि में अदृश्य बेरोजगारी का कारण बनता है। ...

Role of agriculture sector in Indian economy.

Importance of Agriculture in Indian Economy.  विकासशील अर्थव्यवस्था मूलतः  प्राथमिक अर्थव्यवस्था रही है भारत भी  मूलत कृषि प्रधान देश है कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है । ***भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व का अनुमान निम्नलिखित तथ्यों से लगाया जा सकता है। *** 1. राष्ट्रीय आय में योगदान - भारत की राष्ट्रीय आय का सर्वाधिक अंश कृषि संबंधी व्यवसायों  से ही प्राप्त होता था आयोजन काल में इस में निरंतर कमी आई है 2012 13 में लगभग 21 प्रतिशत राष्ट्रीय आय कृषि से प्राप्त हुई थी जबकि 1968 69 में 44.4 प्रतिशत  राष्ट्रीय आय कृषि से प्राप्त हुई थी। 2. आजीविका का प्रमुख स्त्रोत- भारत में कृषि आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है 2011 ईस्वी में संपूर्ण जनसंख्या का लगभग 58 प्रतिशत भाग कृषि एवं संबंधित प्रश्नों से अपनी आजीविका प्राप्त करता था देश की कुल जनसंख्या का 77. 3 प्रतिशत भाग  गांव में रहता है और गांव में मुख्य व्यवसाय कृषि है। Agriculture economy 3. सार्वजनिक भूमि का उपयोग- कृषि में देश के भुज क्षेत्र का सर्वाधिक भाग प्रयोग किया जाता है उपलब्ध आंकड़ों...

Measures to increase agricultural productivity in India

Measures to increase agricultural productivity in India 1. उत्पादन की आधुनिक तकनीकों का प्रयोग- देश में कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादन की नवीनतम तकनीकी विकसित की जानी चाहिए इसके लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए- * कृषि उत्पादन की नवीन तकनीकों को विकसित करते समय देश के वातावरण जलवायु भूमि और मिट्टी श्रमिकों की संख्या पूंजी की उपलब्धि और जोत के आकार को ध्यान में रखना चाहिए।  * नवीन तकनीकों का  खेतों पर प्रदर्शन किया जाना चाहिए।  * नवीन तकनीकों के प्रयोग के बारे में कृषकों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।  Farmer farming 2. भू सुधार कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन- भू धारण व्यवस्था में सुधार किए जाएं कृषकों को भूस्वामी बनाया जाए अनार्थिक जोतो को समाप्त किया जाए ।  3. सिंचाई सुविधाओं का विकास- सिंचाई के साधनों के विकास पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए और कृषि की प्रकृति पर निर्भरता को कम किया जाना चाहिए।  4. कृषि आदाओं की उचित व्यवस्था- खाद कीटनाशक औषधियां तथा उन्नत किस्म के बीजों को उचित मूल्यों पर तथा पर्य...

Attempts made by the government to improve the condition of agricultural laborers.

*** Attempts made by the government to improve the condition of agricultural laborers . *** कृषि श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास- 1 सन 1948 ईस्वी में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम लागू किया गया। 2 जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण किया गया तथा भूदान वह ग्रामदान आंदोलन आदि से प्राप्त भूमि को भूमिहीन श्रमिकों में बांटा गया। 3 भूमिहीन कृषि श्रमिकों के लिए आवास सुविधाएं दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। 4 बेकार समय में कृषि श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए ग्रामीण निर्माण कार्य की योजना चालू की गई है इसके अंतर्गत लघु और मध्यम सिंचाई साधनों का विकास तथा भूमि संरक्षण आदि कार्य सम्मिलित हैं। Improve the condition of the agriculture 5 कृषि श्रमिक सहकारी समितियों की स्थापना के लिए हरसंभव प्रोत्साहन दिया जा रहा है यह समितियां नहरों  और तालाबों की खुदाई सड़कों के निर्माण आदि कार्य का ठेका लेती हैं जिससे श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिलते हैं और उससे प्राप्त आय से श्रमिकों की समस्याओं में कमी होती है। 6 ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक बस्तियों की स्थापना क...

Problem of agriculture and industrial labour of india.

Problem of  agricultural and  industrial   labour of india.                       *** कृषि श्रमिक से आशय*** कृषि श्रमिक  कृषि के क्षेत्र में मजदूरी का कार्य करता है तथा जिसकी आय का अधिकांश  भाग कृषि में  में मजदूरी करने से ही प्राप्त होता है कृषि श्रमिक को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कृषि श्रमिक उस व्यक्ति को कहते हैं जो किसी अन्य व्यक्ति की भूमि पर केवल एक श्रमिक के रूप में कार्य करता है कार्य के संचालन देख - रेख या जोखिम से उसका कोई संबंध नहीं होता तथा उसे अपने परिश्रम के बदले में नगद या फसल के रूप में केवल मजदूरी प्राप्त होती है। Agriculture           ***भारत में कृषि श्रमिकों की समस्याएं***  1. मौसमी रोजगार- कृषि एक मौसमी व्यवसाय  है इसमें श्रमिकों की मांग फसल की बुवाई व कटाई तक ही सीमित रहती है अनुमान है कि पुरुष श्रमिकों को 197 दिन स्त्री श्रमिकों को 141 दिन तथा बाल श्रमिकों को 204 दिन ही काम मिलता है परंतु आधुनिक समय में बहुफसली कार्यक्रमों ...

Nature of economy

Nature of economy अर्थव्यवस्था  से क्या आशय है अर्थव्यवस्था के लक्षण और प्रकार - अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से लोगों का जीवन निर्वाह होता है यह संस्थाओं का एक ढांचा है जिसके द्वारा समाज की संपूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है आर्थिक क्रियाएं वह मानवीय क्रियाएं हैं जिनके द्वारा मनुष्य धन अर्जित करने के उद्देश्य से उत्पादन करता है अथवा निजी सेवाएं प्रदान करता है अर्थव्यवस्था आर्थिक क्रियाओं को संपन्न करने का मार्ग निर्धारित करती है दूसरे शब्दों में अर्थव्यवस्था यह भी निर्धारित करती है कि देश में किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा और विभिन्न साधनों के मध्य इन का विवरण किस प्रकार किया जाएगा परिवहन वितरण बैंकिंग एवं बीमा जैसी सेवाएं कैसे प्रदान की जाएंगी उत्पादित वस्तुओं का कितना भाग वर्तमान में उपयोग किया जाएगा और कितना भाग भविष्य की उपयोग के लिए संचित करके रखा जाएगा आदि एक अर्थव्यवस्था इन विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं का योग ही है। अर्थव्यवस्था की मुख्य परिभाषाएं 1  एo जेo ब्राउन के अनुसार, '' अर्थव्यवस्था वह व्यवस्था है जिसके द्वारा मनुष...

What is Economics. Economics definitions in hindi.

What is Economics. Economics definitions. अर्थशास्त्र  क्या है, अर्थशास्त्र की परिभाषा,  प्राचीन समय से ही अर्थशास्त्र को धन का विज्ञान कहा गया है अतः अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो कि धन की विवेचना करता है अर्थशास्त्र ज्ञान की वह शाखा है जो धन से संबंधित है मनुष्य के लिए धन की अपेक्षा अधिक  कुछ महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि मानव के लिए सुख के लिए धन एक मात्र आधार है धन के अभाव में मनुष्य जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है मनुष्य केवल अपने स्व-हीत के लिए आर्थिक क्रियाएं करता है अतः वह आर्थिक मनुष्य की भाति है जिस का उद्देश्य धन कमाना है। मार्शल द्वारा प्रतिपादित अर्थशास्त्र की परिभाषा *** अर्थशास्त्र मानव जीवन के साधारण व्यवसाय का अध्ययन है इसमें व्यक्तिगत तथा सामाजिक क्रियाओं के उस भाग की जांच की जाती है जिसका भौतिक सुख के साधनों की प्राप्ति और उपयोग से बड़ा ही घनिष्ठ संबंध है। मार्शल द्वारा प्रतिपादित अर्थशास्त्र की परिभाषाओं की विशेषताएं *** मार्शल ने धन के स्थान पर मनुष्य को प्रमुख स्थान दिया क्योंकि धन साधन है और मनुष्य साध्य है इस प्रकार उन्होंने मानव ...