Nature of economy
अर्थव्यवस्था से क्या आशय है अर्थव्यवस्था के लक्षण और प्रकार -
अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से लोगों का जीवन निर्वाह होता है यह संस्थाओं का एक ढांचा है जिसके द्वारा समाज की संपूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है आर्थिक क्रियाएं वह मानवीय क्रियाएं हैं जिनके द्वारा मनुष्य धन अर्जित करने के उद्देश्य से उत्पादन करता है अथवा निजी सेवाएं प्रदान करता है अर्थव्यवस्था आर्थिक क्रियाओं को संपन्न करने का मार्ग निर्धारित करती है दूसरे शब्दों में अर्थव्यवस्था यह भी निर्धारित करती है कि देश में किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा और विभिन्न साधनों के मध्य इन का विवरण किस प्रकार किया जाएगा परिवहन
वितरण बैंकिंग एवं बीमा जैसी सेवाएं कैसे प्रदान की जाएंगी उत्पादित वस्तुओं का कितना भाग वर्तमान में उपयोग किया जाएगा और कितना भाग भविष्य की उपयोग के लिए संचित करके रखा जाएगा आदि एक अर्थव्यवस्था इन विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं का योग ही है।
अर्थव्यवस्था की मुख्य परिभाषाएं
1 एo जेo ब्राउन के अनुसार, '' अर्थव्यवस्था वह व्यवस्था है जिसके द्वारा मनुष्य अपनी आजीविका कमाता है और अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
2 एमo गाँटलिब के अनुसार , '' अर्थव्यवस्था एक ऐसा संगठन है जिसके द्वारा सुंदर उत्पादन साधनों का उपयोग करके मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है।
अर्थव्यवस्था के लक्षण
1 अर्थव्यवस्था उन व्यक्ति का समूह है जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उत्पादन प्रक्रिया को चलाते हैं।
2 आवश्यकताओं के परिवर्तन के अनुरूप अर्थव्यवस्था के स्वरूप में भी परिवर्तन होता रहता है।
3 वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन निरंतर जारी रहता है।
4 उत्पादित वस्तुओं को विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है ।
5 अर्थव्यवस्था में विभिन्न उत्पादकों के मध्य परस्पर समन्वय में एवं सहयोग आवश्यक होता है।
अर्थव्यवस्था के प्रकार
विकास के स्तर के आधार पर अर्थव्यवस्था दो प्रकार की होती हैं पहली अल्पविकसित अथवा विकासशील अर्थव्यवस्था दूसरी विकसित अर्थव्यवस्था।
स्वामित्व के स्तर के आधार पर अर्थव्यवस्था तीन प्रकार की होती हैं पहली पूंजीवादी अर्थव्यवस्था दूसरी समाजवादी अर्थव्यवस्था तीसरी मिश्रित अर्थव्यवस्था।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है की अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से संपूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है आर्थिक क्रियाएं मनुष्य की आवश्यकता की संतुष्टि के लिए की जाती है आवश्यकताओं में परिवर्तन के अनुरूप अर्थव्यवस्था के स्वरूप में भी परिवर्तन होता जाता है अर्थव्यवस्था का स्वरूप कोई भी क्यों न हो उपभोक्ताओं उत्पादकों के मध्य परस्पर समन्वय में आवश्यक हैं।
अर्थव्यवस्था से क्या आशय है अर्थव्यवस्था के लक्षण और प्रकार -
अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से लोगों का जीवन निर्वाह होता है यह संस्थाओं का एक ढांचा है जिसके द्वारा समाज की संपूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है आर्थिक क्रियाएं वह मानवीय क्रियाएं हैं जिनके द्वारा मनुष्य धन अर्जित करने के उद्देश्य से उत्पादन करता है अथवा निजी सेवाएं प्रदान करता है अर्थव्यवस्था आर्थिक क्रियाओं को संपन्न करने का मार्ग निर्धारित करती है दूसरे शब्दों में अर्थव्यवस्था यह भी निर्धारित करती है कि देश में किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा और विभिन्न साधनों के मध्य इन का विवरण किस प्रकार किया जाएगा परिवहन
वितरण बैंकिंग एवं बीमा जैसी सेवाएं कैसे प्रदान की जाएंगी उत्पादित वस्तुओं का कितना भाग वर्तमान में उपयोग किया जाएगा और कितना भाग भविष्य की उपयोग के लिए संचित करके रखा जाएगा आदि एक अर्थव्यवस्था इन विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं का योग ही है।
अर्थव्यवस्था की मुख्य परिभाषाएं
1 एo जेo ब्राउन के अनुसार, '' अर्थव्यवस्था वह व्यवस्था है जिसके द्वारा मनुष्य अपनी आजीविका कमाता है और अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
2 एमo गाँटलिब के अनुसार , '' अर्थव्यवस्था एक ऐसा संगठन है जिसके द्वारा सुंदर उत्पादन साधनों का उपयोग करके मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है।
अर्थव्यवस्था के लक्षण
1 अर्थव्यवस्था उन व्यक्ति का समूह है जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उत्पादन प्रक्रिया को चलाते हैं।
2 आवश्यकताओं के परिवर्तन के अनुरूप अर्थव्यवस्था के स्वरूप में भी परिवर्तन होता रहता है।
3 वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन निरंतर जारी रहता है।
4 उत्पादित वस्तुओं को विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है ।
5 अर्थव्यवस्था में विभिन्न उत्पादकों के मध्य परस्पर समन्वय में एवं सहयोग आवश्यक होता है।
अर्थव्यवस्था के प्रकार
विकास के स्तर के आधार पर अर्थव्यवस्था दो प्रकार की होती हैं पहली अल्पविकसित अथवा विकासशील अर्थव्यवस्था दूसरी विकसित अर्थव्यवस्था।
स्वामित्व के स्तर के आधार पर अर्थव्यवस्था तीन प्रकार की होती हैं पहली पूंजीवादी अर्थव्यवस्था दूसरी समाजवादी अर्थव्यवस्था तीसरी मिश्रित अर्थव्यवस्था।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है की अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से संपूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है आर्थिक क्रियाएं मनुष्य की आवश्यकता की संतुष्टि के लिए की जाती है आवश्यकताओं में परिवर्तन के अनुरूप अर्थव्यवस्था के स्वरूप में भी परिवर्तन होता जाता है अर्थव्यवस्था का स्वरूप कोई भी क्यों न हो उपभोक्ताओं उत्पादकों के मध्य परस्पर समन्वय में आवश्यक हैं।
Casino Night: Slots & Table Games at JTV Casino
ReplyDeleteOur 구미 출장샵 new video 제천 출장안마 slot machines come with three special features: a game 군산 출장샵 slot machine jackpot, and a 화성 출장안마 reel bonus game: Hold'em, 동두천 출장마사지