who is Audience? श्रोता कौन होता है?
आम आदमी यही समझता है कि जो व्यक्ति कभी भी सुनता है वही श्रोता होता है किंतु संचार प्रक्रिया में स्रोतों का यह अर्थ अत्यंत संकुचित कहा जाएगा संप्रेषण में श्रोता से आशय व्यक्तियों के उस समूह से है जो संप्रेषण को सामूहिक रुप से सुनता देखता तथा पड़ता है अतः स्पष्ट है कि संदेश प्राप्त करता को ही वास्तव में श्रोता कहा जाता है संचार प्रक्रिया में श्रोता पांच प्रकार के होते हैं
1 संचार प्रक्रिया में प्रथम श्रोता वह होता है जो संदेश को सर्वप्रथम सुनता है तथा आवश्यकता अनुसार दूसरे श्रोता तक इसे पहुंचाता है इसलिए इसे वाहक श्रोता कहते हैं.
2 प्रहरी अथवा माध्यमिक श्रोता वह है जो यह तय करता है कि संदेश को प्राथमिक स्रोतों तक पहुंचाया जाए अथवा नहीं दूसरे शब्दों में प्रहरी श्रोता के पास संदेश को प्राथमिक श्रोता तक पहुंचाने से रोकने का अधिकार होता है
3 वह श्रोता जो प्रेषक द्वारा प्रेषित संदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देने का अधिकार रखता है प्राथमिक श्रोता कहलाता है यही श्रोता संचार के उद्देश्यों को अनिवार्य पूर्ण करता है इसकी प्रतिक्रिया सदैव संदेश के अनुसार होती है
4 द्वितीयक श्रोता वह होता है जो प्राथमिक श्रोता के द्वारा संदेश की पुष्टि के उपरांत ही सक्रिय होता है प्राथमिक श्रोता द्वारा द्वितीयक श्रोता से संदेश पर विचार विमर्श किया जाता है अथवा उसकी राय मांगी जाती है
5 रखवाला श्रोता वह होता है जो संदेश भेजने वाले तथा साथ में श्रोता के बीच हो रहे संचार पर अपनी पैनी नजर रखता है इसीलिए इस प्रकार के श्रोता को निरीक्षक श्रोता भी कहा जाता है इस श्रोता के पास संचार को रोकने या उस पर प्रत्यक्ष कार्यवाही का अधिकार नहीं होता है लेकिन वह संदेश का मूल्यांकन करके उस पर भविष्य में अपनी प्रतिक्रिया देता है दूसरे शब्दों में वह संदेश के विश्लेषण के आधार पर भविष्य की अपनी कार्यवाही निश्चित करता है.